मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करके गोलियां चलाने वाला बयान देकर बरेली के भोजीपुरा से सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने पिछली साल देश भर में सनसनी फैला दी थी। विधायक का यह विवादित वीडियो देशभर में वायरल हुआ था। ताज्जुब है कि क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर को नहीं मिल सका। उन्होंने मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी है। सूत्र बताते हैं कि इस कारनामे पर विवेचक पर कार्रवाई तय है।
वर्ष 2022 में भोजीपुरा से शहजिल इस्लाम सपा के विधायक बने थे। शहर लौटने पर उनका कई जगह स्वागत किया गया था। वह सपा नेता संजीव सक्सेना के आवास पर गए तो कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच जोशीला संबोधन किया। सीएम योगी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके मुंह से तीखी आवाज निकलेगी तो हमारी बंदूकों से भी पानी और धुआं नहीं, गोलियां निकलेंगी।
शहजिल के बयान का यह वीडियो राष्ट्रीय स्तर तक वायरल होने से चर्चा में रहा। इसी आधार पर हिंदू युवा वाहिनी के तत्कालीन जिला प्रभारी अनुज वर्मा ने बारादरी थाने में रिपोर्ट करा दी थी। मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच ट्रांसफर कर दी गई थी।
इंस्पेक्टर भरत वर्मा इसकी कर रहे थे। अमर उजाला की पड़ताल में सामने आया कि भरत वर्मा फरवरी 2023 में एक साल के लिए ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर गए तो इस मामले में एफआर लगा गए। तर्क दिया कि वादी बयान देने नहीं आए। आरोप की पुष्टि के लिए साक्ष्य नहीं मिले।
मुकदमा दर्ज होने के बाद शहजिल इस्लाम का बदला व्यवहार राजनैतिक दलों के साथ ही शासन प्रशासन के लोगों को भी साफ दिखाई दिया। उन्होंने सपा की बैठकों से दूरी बना ली। यहां तक कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के चुनाव के वक्त भी वह क्रॉस वोटिंग को लेकर चर्चा में रहे।
इसके अलावा संघ के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के शीर्ष नेतृत्व में शामिल इंद्रेश के साथ उनका फोटो खूब वायरल हुआ। तब शहजिल ने इसे निजी मुलाकात बताया। इसी दौरान विवेचना चल रही थी। पड़ताल में यह बात सामने आई कि विवेचक की खातिरदारी के साथ ही यह भी माहौल बनाया गया कि जल्द ही शहजिल केसरिया खेमे में नजर आएंगे। शायद इस वजह से ही विवेचक को दाग दिखाई नहीं दिए।
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