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कहां से आया ये पैसा: एक साल में जनधन खातों में जमा हुए 9 हजार करोड़, कुल रकम हुई 43 हजार करोड़

जनधन खातों में जमा होने वाली रकम लगातार बढ़ रही है। इस समय प्रदेश के 8.67 करोड़ जनधन खातों में करीब 43 हजार करोड़ रुपये जमा हैं। पिछले साल इन्ही खातों में लगभग 34 हजार करोड़ रुपये जमा थे। यानी एक साल में जनधन खातों में 9 हजार करोड़ रुपये ज्यादा जमा हो गए। बैंकों द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।


 सक्रिय जनधन खातों की संख्या भी प्रदेश में बढ़ी है। प्रदेश में वर्तमान में सक्रिय जनधन खातों की संख्या 8.08 करोड़ है जबकि पिछले वर्ष सक्रिय खातों की संख्या केवल 7.37 करोड़ थी। इसका मतलब ये है कि बैंकिंग को लेकर एक तरफ ग्राहकों में जागरूता बढ़ी है तो दूसरी तरफ बैंकों ने भी बंद खातों को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। इसका परिणाम है कि वर्तमान में महज 60 लाख खातों से लेनदेन नहीं हो रहा है।


जन धन खाते खोलने में उत्तर प्रदेश ने देशभर में शीर्ष स्थान हासिल किया है। बैंकों द्वारा राज्य सरकार को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च तक प्रदेश में कुल 8.67 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं। पिछले केवल एक साल में 74 लाख जनधन खाते बैंकों ने खोले। पूरे देश के बैंकों में खोले गए कुल जनधन खातों में 18 फीसदी हिस्सेदारी केवल उत्तर प्रदेश की है।




15 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन धन योजना की शुरुआत की थी। प्रदेश में 19 हजार से ज्यादा बैंक शाखाएं हैं जिनमें 8.67 करोड़ जनधन खाते खोले गए। इसी अवधि में देशभर के बैंकों में 48.76 करोड़ जनधन खाते खोले गए। यानी कुल खातों में करीब 18 फीसदी हिस्सेदारी के साथ यूपी पहले स्थान पर हैै। खास बात ये है कि कुल जनधन खातों में 4.67 करोड़ (54 फीसदी) महिलाओं के हैं। उनके खाते में रकम भी पुरुषों के खाते की तुलना में ज्यादा जमा हैै।


जनधन खातों में डमी या संदिग्ध लेनदेन रोकने के लिए आधार से जोड़ने की प्रक्रिया बैंकों ने तेज कर दी है। प्रदेश के 90 फीसदी जन धन खातों को आधार से जोड़ा जा चुका है। आधार से जन धन खातों को जोड़ने के मामले में गोरखपुर और संत कबीर नगर सबसे आगे है। यहां 94 फीसदी से ज्यादा खाते आधार से लिंक हो चुके हैं।







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